वार्ड नंबर 21 में सरकारी जमीन पर कब्जे की कथित कोशिश को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पार्षद और एमआईसी मेंबर नेहा साहू ने इस मामले में खुलकर मोर्चा संभाल लिया है। दोपहर बाद से धरने पर बैठीं पार्षद नेहा साहू ने अपने मोहल्लेवासियों के साथ रातभर भी धरना जारी रखा, और साफ कहा कि जब तक इस जमीन का सीमांकन नहीं हो जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
पूरा मामला कैलाशनगर स्थित मानसरोवर मंदिर के सामने की उस जमीन से जुड़ा है, जिसे स्थानीय लोग और पार्षद सरकारी भूमि बता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भू-माफिया इसे एक महिला की निजी संपत्ति बताते हुए उसकी प्लॉटिंग कर बेचने की तैयारी में जुटे हुए हैं। पार्षद नेहा साहू का आरोप है कि कांग्रेस शासनकाल में यह जमीन निगम के दस्तावेजों में सरकारी दर्ज थी—तो फिर यह अचानक निजी कैसे हो गई? इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
इधर, पार्षद और लोगों का धरने पर बैठना प्रशासन पर भी दबाव बना रहा है। जिसके चलते तहसीलदार ने आनन-फानन में सीमांकन के आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन पार्षद ने स्पष्ट कहा है कि आदेश जारी करना काफी नहीं—जब तक मौके पर सीमांकन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक धरना जारी रहेगा।
स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकारी जमीन की रक्षा की जाए और भू-माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

